झारखंड के डीएम राजेशसिंग और अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित रामकरण सिंग भी प्रतियोगिता में शामिल..
4थी नेत्रहीन दिव्यांग राष्ट्रीय गोलबॉल चैंपियनशिप का पहली बार गोंदिया में आयोजन.. 11 राज्यों के 350 खिलाड़ियों ने लिया हिस्सा..
जिलाप्रतिनिधि।
गोंदिया। अक्सर हमनें अनेक प्रकार के खेलों के बारे में सुना है और उसका आयोजन भी गोंदिया में कराया है, परंतु इस बार गोंदिया में ऐसे खेल का आयोजन आज से प्रारंभ हुआ है जो शत प्रतिशत नेत्रहीन दिव्यांगों द्वारा खेला जा रहा है। इस खेल का नाम गोलबॉल प्रतियोगिता है जिसका आगाज आज 25 दिसंबर से गोंदिया जिला क्रीड़ा संकुल में किया जा रहा है।
गोंदिया में आज से आयोजित गोलबाल प्रतियोगिता चौथी राष्ट्रीय चैंपियनशिप है जिसमें 350 नेत्रहीन दिव्यांग खिलाड़ीयों ने भाग लिया है। खास बात तो ये है कि इस राष्ट्रीय गोलबॉल चैंपियनशिप में झारखंड राज्य के डीएम राजेशसिंग और पैरा ओलंपिक में प्रथम पुरुष एथलेटिक्स व अर्जुन अवार्ड से सम्मानित रामकरणसिंग भी दिल्ली टीम द्वारा खेल रहे है।
गोंदिया में आज से प्रारंभ हो रही 4थी राष्ट्रीय नेत्रहीन दिव्यांग गोलबॉल स्पर्धा में गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, बिहार, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ राज्यो से टीमें खेल में उतर रही है।
इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता का शुभारंभ कल 26 दिसंबर को क्रीड़ा संकुल में सुबह 11.30 बजे होने जा रहा है। जिसमें ब्लाइंड स्पोर्ट्स असोसिएशन गोंदिया के अध्यक्ष राजकुमार कुथे, उद्घाटक विधायक सुधाकर अडबाले, विधायक विनोद अग्रवाल, पैरा गोलबाल स्पोर्ट्स असोसिएशन महाराष्ट्र की सचिव आरती लिमजे, सोशल मीडिया प्रभारी मुंबई श्रीमती स्वर्णा जोशी, आयोजन समिति के उपाध्यक्ष ओमप्रकाश गुप्ता, सचिव डॉ. महेंद्र हेमने, पैरा ओलंपिक मुंबई महाराष्ट्र के उपाध्यक्ष विजय नाईक, आदि सहित पैरा ओलंपिक कमेटी इंडिया के सचिव जयवंत अमलवार, गोलबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया के सचिव स्वराजसिंह, निरीक्षक ऋषिकांत शर्मा, सहयोग के एमडी शीतल रमादे डॉ. रवि रुकवाल आदि की उपस्थिति में ये आयोजन किया जा रहा है।
गोंदिया से सुरुचि गुप्ता का चयन..
इस गोलबॉल खेल में गोंदिया से सुरुचि ओमप्रकाश गुप्ता का राष्ट्रीय प्रतियोगिता में चयन हुआ है। महाराष्ट्र से कुल 6 पुरुष और 6 महिला खिलाड़ी इसमें शामिल है। 2018 में थायलैंड में खेली गई इस प्रतियोगिता में भारत से प्रथम महिला के रूप में आरती लिमजे ने खेला था।
कैसा होता है गोलबाल खेल..
गोलबॉल खेल की शुरुवात द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात दृष्टिबाधित दिग्गजों के पुनर्वास में सहायता के साधन के रूप में तैयार किया गया था। अब ये खेल अंतराष्ट्रीय खेल बन चुका है।इस खेल में 3-3 खिलाड़ी मैदान में होते है। जबकि 3-3 खिलाड़ी बाहर होते है। 12 मिनट का ये खेल वुडन से निर्मित क्षेत्र में खेला जाता है। इसका बॉल रबर का होकर इसमे घुंघरू बंधे होते है तथा खेल के दौरान किसी भी तरह का शोरशराबा नही होता। खिलाड़ी इसकी आवाज कानो से सुनकर हाथों से खेलते है, थ्रो करते है। गोल होने पर जीत दर्ज की जाती है।
छोटे से जिले गोंदिया में पहली बार आयोजन कर खेल को बढ़ावा देने का लक्ष्य..
थाईलैंड, हरियाणा, सहारनपुर के बाद चौथी राष्ट्रीय गोलबॉल स्पर्धा का आयोजन गोंदिया में किया गया है। ये गोंदिया के खेल प्रेमियों के लिए खुशी की बात है। दृष्टि बाधित दिव्यांगजनों के इस खेल की पूरे जिले में सरहाना हो रही है। और इस खेल को लेकर वे उत्साहित है। खास बात तो ये है कि इस खेल में हमारे गोंदिया शहर की बेटी सुरुचि गुप्ता भी खेलकर गोंदिया को गौरान्वित कर रही है।
इस प्रतियोगिता में 12 खिलाड़ी सिलेक्ट होंगे जिसमें 6 महिला, 6 पुरुष होंगे जो इंटरनेशनल प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर भारत की मेजबानी करेंगे।
गोंदिया में ये खेल आज 25 दिसंबर से 28 दिंसबर तक खेला जाएगा। इसकी जानकारी ब्लाइंड स्पोर्ट्स असोसिएशन गोंदिया के अध्यक्ष राजकुमार कुथे ने दी।